29/09/2018. PART..2. मेरी कलम से..! दो टूक धारा 497 और..! बन्धुवर...आज हमारा भारत देश कहाँ जा रहा है..? कानून द्वारा पाश्चात्य संस्कृति थोपी जा रही है...! भारत से अंग्रेज तो चले गए, लेकिन अगर कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने वाले जज बन जाते हैं तो उनकी मानसकिता भी ऐसी हो रही है, एक तरफ आम जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है, गौहत्या, 370, श्री राम मंदिर के लिए न्यायालय को समय नहीं है और एक दिन पहले बड़ा फैसला दिया कि व्यभिचार करना कोई अपराध नहीं है, इससे पहले समलैंगिक में शारीरिक संबंध बनाना कोई गलत कार्य नहीं है और इससे पहले लिव एंड रिलेशनशिप का कानून बनाया था..! इससे देखकर लगता है कि भारत कोई फिर से विदेशी शक्तियों से जकड़ तो नही गया है..? सुप्रीम कोर्ट ने एडल्ट्री (व्यभिचार) संबंधी कानून की धारा 497 को खारिज कर दिया ।भारत में अब किसी भी तरह का सेक्सुअल संबंध अपराध नहीं है, शादी के बाद भी महिला दूसरे पुरुष से संबंध बना सकती है । पति उसके लिए कोई फरियाद नहीं कर सकता है.! ये क्या है..? वर्तमान में ये जो दो-तीनों कानून चल रहा है (उसकी जानकारी फिर कभी दूंगा) उसे भारतीय संस्कृति कभी भी स्वीकार नहीं करेगी.! क्योंकि हमारे शास्त्रों में लिखा है कि अपनी पत्नी के अलावा किसी से संबंध बनाना पाप है और उसे नर्क में जाना पड़ता है.! ऐसे कानून भारत में नहीं बल्कि विदेशों में चलते हैं वे लोग पशु जैसा जीवन जीते हैं, पशु की तरह कुछ भी खा लिया, कहीं भी किसी से भी शारीरिक संबंध बना लिया ये सब भारतीय संस्कृति में नहीं है.! भारतीय संस्कृति सभ्य संस्कृति है जो मानव से महेश्वर की तरफ ले जाती है और पाश्चात्य संस्कृति मनुष्य से पशु की तरफ ले जाती है.! मित्रवर.....भारत में आज जो ऐसे कानून बन रहे हैं इससे तो साफ पता चलता है कि भारतीय संस्कृति को तोड़ने का एक षड्यंत्र चल रहा है, विदेशी शक्तियों द्वारा कानून के जरिये पश्चिमी संस्कृति लाने का प्रयास चल रहा है, इससे विदेशी कम्पनियों को अरबों-खबरों का फायदा होगा क्योंकि व्यभिचार करेंगे तो गर्भनिरोधक दवाइयों की बहुत बिक्री होगी एवं लोग ज्यादा बीमार पड़ेंगे जिससे उनके व्यापार में बहुत फायदा होगा.! दूसरा धर्मान्तरण वालों को भी फायदा मिलेगा क्योंकि लोग व्यभिचारी हो जाएंगे तो अपने धर्म को नहीं मानेंगे जिससे उनको अपने ईसाई धर्म में ले जाने में आसानी होगी, जिससे उनकी वोट बैंक बढ़ेगी और वे फिर से भारत में राज कर सकेंगे..। भारत मे ऐसे कानूनो को खत्म कर देना चाहिए नहीं तो आगे जाकर भयंकर नुकसान होगा.!भारतीय संस्कृति के सिद्धांतों पर चलनेवाले हजारों योगासिद्ध महापुरुष इस देश में हुए हैं, अभी भी हैं और आगे भी होते रहेंगे, जबकि पश्चिमी संस्कृति के मार्ग पर चलकर कोई योगसिद्ध महापुरुष हुआ हो ऐसा हमने तो नहीं सुना, बल्कि दुर्बल हुए, रोगी हुए, एड्स के शिकार हुए, अकाल मृत्यु के शिकार हुए, खिन्न मानस हुए, अशांत हुए.!!उस मार्ग पर चलनेवाले पागल हुए हैं,ऐसे कई नमूने हमने देखे हैं.! अतः पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण करके ऐसे कानून नहीं बनाएं जिससे व्यक्ति, समाज, देश और धर्म को नुकसान हो.!! कानून ऐसे हों कि सभी की उन्नति हो और देश आगे बढ़े.!! जय भारत..!
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28/09/2018. दो_टूक_धारा 497_और ..? अजीब विडम्बना है बन्धुवर.....देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले ने शर्मसार कर दिया है.! पति-पत्नी का रिश्ता कितना पवित्र माना गया है हमारे हिंदू शास्त्रों में, पुराणों में.! भाई ये किस सभ्यता को देखते हुए यह अंग्रेजी फरमान सुप्रीम कोर्ट ने जारी कर दिया इस पर विचार करना बहुत जरूरी है.! इससे हमारी पीढ़ी कहां जाएगी..? किस दिशा में जाएगी...? आप अनुमान लगा सकते हैं..! मुझे दुख और क्रोध दोनों हो रहा हैं.! दुख इस चीज का की भारतीय लोगों को क्या हो गया है कि वह सही और गलत में फैसला नहीं कर पा रहे हैं.! क्रोध इसलिए आ रहा है कि देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट को ऐसा फैसला सुनाने से पहले सौ बार सोचना चाहिए था क्योंकि यह हम सब के मुंह पर एक नहीं हजारों तमाचो के बराबर है..! मैं पूछना चाहता हूं उन जजों की बेंचों से जिन्होंने यह फैसला बगैर सोचे समझे सुना दिया क्या कोई अपनी अर्धांगिनी यानी अपनी पत्नी को किसी और के हवाले कर सकता है या फिर मैं कोर्ट के शब्दों में कहूं कि अगर किसी की पत्नी किसी गैर मर्द के साथ हमबिस्तर हो तो क्या कोई बर्दाश्त करेगा ..? मैं आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं..! क्या आप लोग इस बात से सहमत हैं.? सुप्रीम कोर्ट ने कल यह फैसला दिया कि औरत को अवैध संबंध स्थापित करने का हक है और इसको सही ठहराया.! आप सभी भाइयों और बहनों से मैं यह पूछना चाहता हूं कितना यह सही है मेरे लिए तो यह दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है क्योंकि यह हमारी संस्कृति पर असर करता है,हमारी भारतीय संस्कृति,हमारी सनातन संस्कृति पर एक नारी अपने पति के होते हुए किसी पर पुरुष से शारीरिक संबंध कैसे स्थापित कर सकती है.? यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका हमें से आपको किसी न किसी को जरूर डालनी चाहिए अगर कहीं भी कोई भी मेरी बात सुन रहा है तो वह इस पर विचार करें हम क्या होते जा रहे हैं.! हम क्या बनते जा रहे हैं..! पश्चिमी सभ्यता अपना रहे हैं या भारतीय संस्कृति...!
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पाकुड़:-02/06/2018.
आज हूँकार युवा मोर्चा की एक आवश्यक बैठक स्थानीय जनसमस्याओ को लेकर मोर्चा के आई०टी० सेल के जिला संयोजक राकेश रौशन चौरसिया की अध्यक्षता मे मोर्चा के जिला प्रवक्ता आकाश यादव के आवास पर हुई..! जिसमे हूँकार युवा मोर्चा के जिला पदाधिकारियों ने शिरकत की ।
उक्त बैठक में मोर्चा के सदस्यो की संख्या बढाने के मद्देनजर सदस्यता अभियान, मोर्चा का अविलंब पंजीकरण कराने, आगामी छात्र संघ के चुनाव मे मोर्चा के प्रत्याशी के चयन जैसे सांगठनिक मुद्दो के अलावे सरकारी शिक्षको के द्वारा ट्यूशन देने के विरोध की रणनीति तैयार करने, लचर विद्युत व्यवस्था के खिलाफ जनमत व जनजागरूकता फैलाने, शहर की साफ सफाई, उज्ज्वला गैस योजना की कालाबाजारी, सरकारी विभाग मे सदियो से एक ही पद पर कार्यरत बाबुओं के खिलाफ लामबंदी करने, मोहल्ले की गली और सड़कों से बालू लदे ट्रक के आवागमन के मुद्दे पर परिवहन विभाग को घेरने जैसे सामाजिक मुद्दो पर विस्तृत चर्चा की गई । बैठक मे मोर्चा के प्रदेश संयोजक शशि शेखर त्रिवेदी, राकेश रौशन चौरसिया, आकाश यादव के अलावे दर्जनों मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित थे । उक्त बैठक की विस्तृत जानकारी मोर्चा के प्रवक्ता आकाश यादव ने दी । **********************
28/09/2018. दो_टूक_धारा 497_और ..? अजीब विडम्बना है बन्धुवर.....देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले ने शर्मसार कर दिया है.! पति-पत्नी का रिश्ता कितना पवित्र माना गया है हमारे हिंदू शास्त्रों में, पुराणों में.! भाई ये किस सभ्यता को देखते हुए यह अंग्रेजी फरमान सुप्रीम कोर्ट ने जारी कर दिया इस पर विचार करना बहुत जरूरी है.! इससे हमारी पीढ़ी कहां जाएगी..? किस दिशा में जाएगी...? आप अनुमान लगा सकते हैं..! मुझे दुख और क्रोध दोनों हो रहा हैं.! दुख इस चीज का की भारतीय लोगों को क्या हो गया है कि वह सही और गलत में फैसला नहीं कर पा रहे हैं.! क्रोध इसलिए आ रहा है कि देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट को ऐसा फैसला सुनाने से पहले सौ बार सोचना चाहिए था क्योंकि यह हम सब के मुंह पर एक नहीं हजारों तमाचो के बराबर है..! मैं पूछना चाहता हूं उन जजों की बेंचों से जिन्होंने यह फैसला बगैर सोचे समझे सुना दिया क्या कोई अपनी अर्धांगिनी यानी अपनी पत्नी को किसी और के हवाले कर सकता है या फिर मैं कोर्ट के शब्दों में कहूं कि अगर किसी की पत्नी किसी गैर मर्द के साथ हमबिस्तर हो तो क्या कोई बर्दाश्त करेगा ..? मैं आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं..! क्या आप लोग इस बात से सहमत हैं.? सुप्रीम कोर्ट ने कल यह फैसला दिया कि औरत को अवैध संबंध स्थापित करने का हक है और इसको सही ठहराया.! आप सभी भाइयों और बहनों से मैं यह पूछना चाहता हूं कितना यह सही है मेरे लिए तो यह दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है क्योंकि यह हमारी संस्कृति पर असर करता है,हमारी भारतीय संस्कृति,हमारी सनातन संस्कृति पर एक नारी अपने पति के होते हुए किसी पर पुरुष से शारीरिक संबंध कैसे स्थापित कर सकती है.? यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका हमें से आपको किसी न किसी को जरूर डालनी चाहिए अगर कहीं भी कोई भी मेरी बात सुन रहा है तो वह इस पर विचार करें हम क्या होते जा रहे हैं.! हम क्या बनते जा रहे हैं..! पश्चिमी सभ्यता अपना रहे हैं या भारतीय संस्कृति...!
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पाकुड़:-02/06/2018.
आज हूँकार युवा मोर्चा की एक आवश्यक बैठक स्थानीय जनसमस्याओ को लेकर मोर्चा के आई०टी० सेल के जिला संयोजक राकेश रौशन चौरसिया की अध्यक्षता मे मोर्चा के जिला प्रवक्ता आकाश यादव के आवास पर हुई..! जिसमे हूँकार युवा मोर्चा के जिला पदाधिकारियों ने शिरकत की ।