15 नवंबर 2019

रचना :- विजय कुमार "भारती" ( सेवा निवृत मुख्य टिकट निरीक्षक, पूर्व रेलवे साहिबगंज)

जिक्र होता है जो आईने में अक्स दिखाई देता है..!
जिसने कर लिया मन को बस में,
उसे सारा आलम खुदा दिखाई देता है..!!
दरख़्त को सवारने में पत्ते भी काम आते हैं,
समंदर से पूछो एक दरिया की क्या अहमियत होती है,
जहां हर तरफ मोहब्बत का दीप जला करता था,
आज वही चारों तरफ नफरत के बीज बोए जाते हैं..!!
 सकून से किस तरह जिंदगी बसर करे लोग अब इस जहां में,
 यहां तो हर रोज लाशों की ढेर बिछाए जाते हैं..!!
भंवर में डूबती कश्ती भी किनारा लग जाती है,
खुदा जिस पर रहम करे उसका बेड़ा पार लग जाता है,
अब तो कहां महफूज रहे परिंदे अपने घोसलों में, 
यहां तो हर शाख पे दरिंदे घात लगाए बैठे है,
ना जाने किस मोड़ पर कौन कहां दगा दे जाए,
यहां तो हर रोज फरेबों का जाल बिछाया जाता है,
बड़े ही जतन से जिंदगी सवारी थी हमने,
उन्होंने दागदार करने की कोई भी कसर नहीं छोड़ी है,
दर्दे दिल को हम यहां कैसे सरेआम करें,
जख्म सीने का अभी भी काफी गहरा है ..!!


*******************

दुनिया में सबसे महान..!

 देश हमारा हिंदुस्तान ..!!
इस देश के हम वासी,
 यह आवाज है हमारी,
  दुनिया में सबसे महान..!
 देश हमारा हिंदुस्तान..!!

यहां रोटी बिकती महंगी, 

महंगी है धोती-साड़ी, 
मत पूछ इस महल की
है मोल कितनी महंगी,
कहाँ खो गया..?
पौरुष वीरता का अमर गान..!
दुनिया में सबसे महान..!
देश हमारा हिंदुस्तान..!

मिट गई परंपरा गुरुकुल की,

शिक्षा है कितनी महंगी..!
श्रद्धा यहां से मिट गई..!
मास्टर है बिकते महंगे, 
मजबूर है इंसान कितना..? 
जहां बिक रहा ईमान..!!
दुनिया में सबसे महान..!
देश हमारा हिंदुस्तान..!!

है भीड़ भुक्खडों की,

फरजंद बिकते महंगे,
है सपन सजोये बेटी,
यहाँ सुहाग बिकता महंगा,
चांदी-सोनें के सिक्कों पर,
है बिक रहा ईमान..!!
दुनिया के सबसे महान..!
देश हमारा हिंदुस्तान..!!

आओ मोलभाव कर लो,

रख दो अपने को गिरवी, 
बेटी की सुख की खातिर,
सौदा भी कर लो महंगा..!
बिक रहा है खुदा गॉड,
बिक रहा भगवान..!!
दुनिया में सबसे महान..!
देश हमारा हिंदुस्तान..!!

घर फुस का हो क्यों न,

चार चक्का उनको चाहिए,
अष्टावक्र क्यों ना अपने,
उन्हें मेनका ही चाहिए,
हो फेल क्यों ना मैट्रिक,
वी०ए० पास दुल्हन चाहिए,
हो अपने रात अमा की,
उन्हें पूनम का चाँद चाहिए,
दुनियाँ में कितना शेष बचा..?
भारत का गौरब स्वाभिमान..!!
दुनिया में सबसे महान..!
देश हमारा हिंदुस्तान..!!

खिले हो लाख फूल गुलशन में,

खुशबू यहां बिकती महंगी,
जहां बहती थी दूध की नदियां,
वहां पानी बिकता महँगा,
धन-दौलत के ठेकेदार,
केवल देते भ्रष्टाचारी को दान..!!
दुनिया में सबसे महान..!
देश हमारा हिंदुस्तान..!!

महंगाई से झुलस कर,

जर-जर बना है तन-मन,
न तन पर चिथड़े हैं,
न पेट में हैं अन्न,
बोलता है भारत,
हुव्वुल वतन, हुव्वुल वतन, 
चल रही संगीन गोलियां,
चल रहे है तीर-कमान..!!
दुनियाँ में सबसे महान .!!
देश हमारा हिंदुस्तान..!!

संस्कृति सिमटती जा रही,

पाश्चात्य सभ्यता छा रही,
शास्त्रीय संगीत छोड़कर,
पॉप सॉन्ग गा रहे,
गुलदस्तों में गुल नहीं,
प्लास्टिक के फूल आ गए,
लोक-नृत्य छोड़कर,
डिस्को डांस छा गए,
लुटती इज्जत दामनियों की,
हर रोज दफन हो रहे,
बलात्कार के अग्निकुंड में,
कौमारीकाएँ हवन हो रही,
उठ रही हर रोज आंधी,
हहर रहा हर रोज तूफान..!!
दुनिया में सबसे महान..!
देश हमारा हिंदुस्तान..!!
देश हमारा हिंदुस्तान..!!